अब पुलिस रिकॉर्ड में नहीं लिखी जाएगी आरोपी की जाति; यूपी सरकार का बड़ा फैसला, सार्वजनिक स्थलों पर जाति के उल्लेख पर भी रोक

Accused Caste Not Being Mentioned in Police Records in Uttar Pradesh
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में अब FIR और नोटिस-सर्च वारंट से लेकर गिरफ्तारी मेमो समेत पुलिस (Uttar Pradesh Police) के किसी भी दस्तावेज़ रिकॉर्ड में आरोपी की जाति नहीं लिखी जाएगी। जातिगत भेदभाव खत्म करने की दिशा में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
नए निर्देशों के तहत यूपी में अब पुलिस रिकॉर्ड, नोटिस-सर्च वारंट और गिरफ्तारी मेमो में आरोपी की जाति का जिक्र नहीं किया जाएगा। साथ ही आरोपी के पिता के नाम के साथ अब माता का नाम भी दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों पर जातिगत उल्लेख पर रोक लगा दी गई है। यानि सार्वजनिक स्थलों पर लगे नोटिस बोर्ड, साइन बोर्ड्स पर जातीय संकेत और नारों का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।
सभी जातीय स्टिकर पोस्टर और नारे हटाए जाएंगे। इसके साथ ही जाति आधारित प्रदर्शन और रैलियों पर अब प्रतिबंध रहेगा। जाति आधारित प्रदर्शन और संघर्ष को प्रेरित करने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा वाहनों पर जाति लिखकर घूमने वालों का चालान होगा। साथ ही सोशल मीडिया पर जाति को बढ़ावा देने और महिमामंडन करने या किसी जाति की निंदा करने वालों पर भी कार्रवाई होगी। ऐसे पोस्ट करने वालों के खिलाफ पुलिस FIR दर्ज करेगी।